वर्षीदान के पीछे जिन दर्शन की गहराई जाननी होगी.स्वयं भगवान महावीर ने दीक्षा लेने से पहले
पूरे एक साल तक दान दिया है.श्री भंवरलाल जी दोशी के दीक्षा कार्यक्रमों के कारण
१,००,००० लोगों में अति उल्लास हुआ और
पूरे एक साल तक दान दिया है.श्री भंवरलाल जी दोशी के दीक्षा कार्यक्रमों के कारण
१,००,००० लोगों में अति उल्लास हुआ और
उसके परिणामस्वरूप ९९ और व्यक्ति ओं ने
५ वर्ष के भीतर दीक्षा लेने की प्रतिज्ञा की है.इससे जिन शासन की अति प्रभावना हुई है.१. दीक्षा लेने के बाद अब वे जीवन भर पैदल विहार करेंगे,
२. रात्रि भोजन तो क्या पानी भी नहीं पिएंगे,
३. AC प्रयोग करने वाले अब पंखा भी प्रयोग नहीं करेंगे.
४. फ्रीज का ठंडा पानी नहीं पिएंगे.
५. अपने पास पैसा नहीं रखेंगे (पॉकेट भी तो अब नहीं है)
५ वर्ष के भीतर दीक्षा लेने की प्रतिज्ञा की है.इससे जिन शासन की अति प्रभावना हुई है.१. दीक्षा लेने के बाद अब वे जीवन भर पैदल विहार करेंगे,
२. रात्रि भोजन तो क्या पानी भी नहीं पिएंगे,
३. AC प्रयोग करने वाले अब पंखा भी प्रयोग नहीं करेंगे.
४. फ्रीज का ठंडा पानी नहीं पिएंगे.
५. अपने पास पैसा नहीं रखेंगे (पॉकेट भी तो अब नहीं है)
इत्यादि.इन सबका त्याग करने की ख़ुशी
एक दीक्षार्थी ही जान सकता है.
एक दीक्षार्थी ही जान सकता है.
हमारी बुद्धि इतनी विकसित नहीं हुई है
कि हम उस उस आनंद को महसूस कर सकें.
(टिक्का टिप्पणी करने वाले जरा विचार करें)
आलोचना करने वाले उपरोक्त
पांच में से एक भी छोड़ कर बतायेऔर वो भी मात्र एक सप्ताह के लिए!
पांच में से एक भी छोड़ कर बतायेऔर वो भी मात्र एक सप्ताह के लिए!