किसी ने पूछा कि “तप” करने से कर्म कटते हैं. उस से “आत्मा” प्रकाशित होती है. तो फिर उसका पता कैसे चले कि आत्मा हलकी हुई है या कर्म मुक्त हुई है
क्या आप जानते हैं किहमारे पूर्व आचार्यों में से एक ने१-२ लाख श्लोक नहीं,१०-२० लाख श्लोक नहींबल्कि ३.५ करोड़ श्लोक लिखे हैं? जो ये बात जानते है,उन में से कितनों ने १०० श्लोक भी पढ़े हैं?ऐसे आचार्य का नाम है:श्री हेमचन्द्राचार्य !