एक बूँद जीवन
अनंत काल के जीवन में से इस मनुष्य जीवन के काल की बात करें तो ये महासागर की एक बूँद बराबर भी नहीं है। परन्तु ये बूँद भी बड़े काम की है,
आगे आने वाले अनंत काल के सुख में इसे बदला जा सकता है वर्ना तो अनंत काल का जीवन खुला है ही !
थोड़े से सुख एक तरफ हैं …
और अनंत काल के दुःख एक तरफ हैं …
जिसे मूर्खता से आज तक भोगते आये हैं।
आज भी घूमना फिरना, स्विमिंग, ड्रिंक्स आदि तो छोडो,
अलग अलग होटलों के स्वाद के लिए मारे मारे फिरते हैं
हर संडे को अलग जगह चाहिए ही चाहिए।
ये दो तीन घंटे का फर्जी सुख एक जैनी को कहाँ लेकर जाएगा, इसका अंदाज भी नहीं है !
शॉट :
पानी की एक बूँद में अनंत जीव होते हैं, चलते फिरते जीव 36,450 होते हैं।
हमारा जीव भी इसी स्थिति से अनंत बार गुजरा है।
यदि अब भी बात समझ में न आये, तो ये जीवन भी गुजर जाएगा विश्वास न हो तो एक टेस्टिंग करना ।
हमारा जीव आया कहाँ से?
हमारा जीवन जायेगा कहाँ?
पता नहीं है न !
यही बात शास्त्र भी कहते हैं।
पर हमें तो अपनी बुद्धि पर विश्वास है !
भले वो झूठा ही क्यों न हो !
ट्रेलर
अपनी ही बुद्धि के अनुसार धंधे में कई बार पैसा डुबाया ही होगा।
ये हमारी ही बुद्धि है जो अपने ही भाग्य (कर्म) के परिणाम को देख नहीं पाती।
सार:
एक बूँद जीवन को सिर्फ इस भव के लिए
अरिहंत को समर्पित कर दो
वरना मृत्यु के समय वापस कहीं का नहीं रहेगा।
महावीर मेरा पंथ