किसी ने पूछा कि “तप” करने से कर्म कटते हैं. उस से “आत्मा” प्रकाशित होती है. तो फिर उसका पता कैसे चले कि आत्मा हलकी हुई है या कर्म मुक्त हुई है
जैन संस्कार·1 min read“मतिज्ञान” (बुद्धि) का “उपयोग” तब है जब उसे नित्य नया सीखने में लगाया जाए जिसे “श्रुत ज्ञान” कहते हैं
जैन तीर्थंकर और जैन तीर्थजैन धर्मध्यान·1 min readमति, श्रुत, अवधि और मन: पर्यव ज्ञान होने पर भी भगवान महावीर ने “ध्यान” किया