ये कहा जाता है कि जैन दर्शन हिन्दू (वैदिक )दर्शन का ही एक भाग है.
परन्तु सत्य ये है कि :
“अनंत चोविशी जिन नमूं, सिद्धं अनन्त करोड़
केवल ज्ञानी थवीर सवीर, वंदूं बे कर जोड़ ||”
सिर्फ वर्तमान के २४ तीर्थंकर ही नहीं,
आज तक में ऐसी अनंत चोविशी हो चुकी है.
अब बताओ, जैन धर्म कितना प्राचीन है.
(जो सत्य होता है, वो सदैव ही रहता है)