सन्तिकरं स्तवन सूत्र से:
ॐ सनमो विप्पो सहि पत्ताणं संतिसामी पायाणाम
झ्रौं स्वाहा मंतेणं, सव्वासिव दुरिअ हरणाणं ||२||
मंत्र:
ॐ सौं ह्रीं श्री शांतिनाथाय झ्रौं झ्रौं नमः स्वाहा ||
ये मंत्र सब उपद्रवों एवं पापों का नाश करने में समर्थ है.
श्री शांतिनाथ जी के मंदिर में सर्व प्रथम उपरोक्त श्लोक बोलें और
फिर मात्र ८ बार ऊपर लिखा मंत्र मन में बोलें.
यदि मंदिर ना जा सकें,
तो सर्व प्रथम उपरोक्त श्लोक बोलें और
फिर मंत्र की १०८ बार वाली एक माला फेरें.
१६ या १८ दिनों में हर बाधा की निवारण होता है.
फोटो:
५५० वर्ष प्राचीन श्री शान्तिनाथजी जैन मंदिर,
टी डी मार्ग, जीतेन्द्र क्रॉस रोड, मलाड (पूर्व), मुंबई-९७