सामायिक एक श्रावक की !
सामायिक करते समय क्या श्रावक मोबाइल का प्रयोग करता है?
सामायिक करते समय क्या श्रावक बिज़नेस और घर की बात करता है?
सामायिक करते समय क्या श्रावक पैसे टके की बात करता है?
सामायिक करते समय क्या श्रावक राजनीति की बात करता है?
उत्तर है – नहीं करता !
(राज कथा, देश कथा, भक्त कथा और स्त्री कथा – ये स्पष्ट रूप से निषेध हैं).
तब “सर्वविरति” धारण करने वाला साधू यदि
मोबाइल का प्रयोग करे,
भवन-मंदिर बनवाने में पंचायती करे,
पैसे के लेन देन की बात करे,
राजनीति की बात करे,
तो वो अपने धर्म से विमुख हुआ कि नहीं?
उत्तर देना.
और “ऊपर” तक पहुँचाना भी !
सार:
—–
ऐसे साधू के जीवन भर के सर्व-विरति पचखान की अपेक्षा
श्रावक की एक सामायिक श्रेष्ठ हुई कि नहीं?
पुनिया श्रावक की एक सामायिक की महत्ता तो स्वयं भगवान महावीर
ने बताई ही है ना !
धर्म करने के लिए श्रावक को रोज इससे अधिक कुछ करने की “जरूरत” है भी क्या?
(ज्यादा करे तो ज्यादा अच्छा है ही).
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