१. क्या तुम्हें पता था कि
तुम्हारा “जन्म”
भारत में,
अपने वर्तमान परिवार में,
अमुक दिन होने वाला है ?
२. क्या तुम्हें पता है कि
इस जन्म में मृत्यु कब होगी?
३. क्या तुम्हें पता है कि
अगले एक दिन या….
एक घंटा भी छोडो….
अगले मिनट क्या न्यूज़ आने वाली है?
जिस न्यूज़ को तुम व्हाट्सप्प पर हर समय शेयर करे रहे हो.
स्वयं इस संसार को छोड़ कर जाने वाले हो, इसकी खबर दे सकोगे?
४. क्या तुम्हें पता है कि पिछले भव में
तुमने जो २५ करोड़ रूपये कमाए थे,
उससे आज मजे कौन ले रहा है?
५. क्या वो स्मृति तुम लाना चाहोगे?
जवाब सोच कर देना………………
६. यदि वो स्मृति आ गयी तो
तुम पागल हो जाओगे
और
अभी उसकी स्मृति (भान) नहीं है,
तो इसका मतलब तुम पागल हो ही.
मतलब दोनों ही स्थितियां पागलपन की हैं.
(इतना छल कपट कर के कमाया और
बिना कोई व्यवस्था किये उसे छोड़ कर
दुसरे जन्म में खाली हाथ आ गए)!
यदि पिछले जन्मों में छल कपट नहीं किया होता,
तो आज कष्ट भोगने की बारी क्यों आती?
और आज भी वापस वही कर रहे हो!
आज पूर्व जन्म के उस धन पर
तुम कोई अधिकार नहीं ले सकते….
यदि याद भी वापस आ जाए….
क्योंकि पिछले जन्म में तुम “मोतीलाल” थे
इस जन्म में “फकीरचंद” हो.
तुम तो कहोगे
तुम “वही” हो
परन्तु कौन सुनेगा?
पिछले जन्म के तुम्हारे बेटे सुनेंगे?
इस जन्म के बेटे भी सुनेंगे?
– कहेंगे पागल हो गए हो क्या?
पत्नी का क्या होगा?
सब छोडो….
खुद का क्या होगा…
जो हुआ…उसे देखो…
अपने आप को बहुत होशियार समझते हो…
तो बताओ मरने से पहले वास्तव में होशियारी
कमाई हुई संपत्ति दान करने में और
“आत्मा” का कल्याण करने में है
या
परिवार में संपत्ति डिस्ट्रीब्यूशन करने में?
विशेष:
इस जन्म में दूसरों ने छल कपट तुम्हारे साथ किया है,
ये तुम मानते हो.
पिछले जन्म में छल कपट तुमने दूसरों के साथ किया था,
ये तुम मानने को तैयार नहीं होंगे.