श्री बप्पभट्ट सूरी : गुरु द्वारा दिए गए मंत्र जप में इतने लीन हो गए कि स्वयं सरस्वती उसी...
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अति सुन्दर और चमत्कारी रोज लगभग ५००० श्रद्धालु दर्शन करते है . श्री सहस्त्रफ़णा पार्श्वनाथ भगवन गोपीपुरा , सूरत ....
कुछ लोगों क़े लिए भैरूंजी, पितरजी, इत्यादि बहुत बड़े देव हैं. जबकि जैन धर्म क़े अनुसार वे क्षेत्रपाल हैं. ...
श्री आदिनाथ भगवान का उत्कृष्ट कुल : १. माता मरुदेवी वनस्पतिजीव में उत्पन्न होकर सीधे मनुष्य भव में आई और इस अवसर्पिणी...
1. तीर्थंकर का मतलब जो “तीर्थ” की स्थापना करते हैं. 2. “तीर्थ” का मतलब : जो तारे. 3. तरने का...
भगवान पार्श्वनाथ की जितनी भी प्रतिमाजी विद्यमान है वो सामान्यतया 7,9,11 या 13 फणों में है, कुछ बहुत प्राचीन प्रतिमाजी...
जिन जैन सम्प्रदायों में “जिन दर्शन” निषेध के नाम पर “समकित” दिया जाता है, वो किसी भी तरह शास्त्रसम्मत नहीं...
“उवसग्गहरं” स्तोत्र कुछ लोग रोज इसे 27 बार गिनते हैं. फिर भी “समस्याओं” का वो समाधान नहीं मिलता जो मिलना...
धन्य है धन्य !! ९३ वर्षीय संघनायक लब्धिधारी श्री राजतिलकसूरी जी! वर्षीतप अपने आप में दुष्कर है, और ये महातपशिरोमणि...
तीर्थंकर और गुरुओ में जमीन आसमान का अंतर: सिर्फ तीर्थंकर ही कहते है की हर जीव तीर्थंकर बन सकता है...
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