दादा पास बैठे हों,
अपने दादा को प्रणाम कितनी बार करोगे?
बार बार कहने पर बच्चा दिन में
दादा को प्रणाम बार बार भी करता है.
(संस्कार डालने की बात है).
बड़ा होकर वही बच्चा दादा को ऐसे प्रणाम
दिन में कितनी बार करेगा?
ये बात नवकार के सम्बन्ध में पूछ रहा हूं.
108 नवकार गुने – क्या लगा कि 540 बार हम झुके?
अलग अलग 5 परम इष्ट तक पहुंचे भी?
अरे!
एक ही नवकार से 500 सागरोपम के पापों का नाश होता है, ये शास्त्र कहते हैं!
हमें कभी लगा कि पापों से आज हल्के हो गए हैं?
विशेष :
——–
नवकार जाप करके स्वयं में “सामर्थ्य” पैदा करना है,
ठीक वैसा ही सामर्थ्य जैसा श्रीराम ने परशुराम के धनुष को उठाने और प्रत्यंचा चढ़ाने में दिखाया था!
(“धनुष” तो दूसरे महाबली जो थे, उनको भी उठाना आता ही था, पर वो परशुराम का धनुष नहीं उठा तक नहीं पाए – वो इतना भी विवेक नहीं रख पाए कि प्रतियोगिता जो रखी गई है, उसका रहस्य क्या है).
पूरी बात का मर्म समझने के लिए भी योग्यता लानी पड़ेगी.
नवकार हर बच्चे को आता है, पर बुढ़ापे तक भी नवकार की गहराईयों “तक” पहुंच सके नहीं!
आज भी दे धना – धन!
रटे जा रहे हैं..
रिकार्ड पर रिकार्ड बनाए जा रहे हैं..
प्राप्ति?
पहुंचे पहले ही पद तक भी?
महावीर मेरा पंथ