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गृह मंदिर को “श्रेष्ठतम” बनाएं.

 गृह मंदिर को “श्रेष्ठतम” बनाएं. अच्छे गृह मंदिर का घर की  सुख शान्ति से सीधा  सम्बन्ध है.

प्रश्न:
यदि घर के बाथ रूम में 2 लाख से भी ज्यादा का खर्च करते हैं
तो घर के मंदिर के लिए कितना बजट होना चाहिए?

चिंतनीय:
1.  दो करोड़ के मकान रखने वालों
के गृह मंदिरों में “प्लास्टिक” से बनी
(विशेषत: गिफ्ट में आई हुई)
भगवान् की तस्वीरें देखने को मिलती हैं.
क्या करना चाहिए,
खुद ही विचार कर लें.
अपने लिए लाखों रूपये के गहने बनवाने वाली
बहिनें इस बात पर विशेष ध्यान दें.

2.  70-80 हज़ार का फ्रीज लाने वाले
को अपने घर का मंदिर कैसा रखना चाहिए?

3.  घर की समृद्धि बहुत कुछ गृह मंदिर पर निर्भर करती है.
घर की नयी बहू के लिए बीस से पचास हज़ार की साडी लाने वाले
जरा इस बात पर गौर करें.
कम से कम शुभ प्रसंगों पर अपने घर मंदिर को “श्रेष्ठतम” बनाएं.

विशेष:

१. घर में वास्तु के बहुत से दोष मात्र गृह मंदिर को “सही” करने से ही दूर हो जाते हैं.
घर की बहुत सी मुश्किलों का कारण गृह-मंदिर का दोषपूर्ण होना ही है.
२. बच्चों में अच्छे संस्कार डालने के लिए घर में सुन्दर गृह मंदिर का होना बहुत जरूरी है.
३. घर की शान्ति के लिए अपने गृह मंदिर को “श्रेष्ठतम” बनाएं.
४. बहुत सारी मूर्तियां या फोटो जो इस दूसरे से बेमेल हो;
ना रखें. जैसे पार्श्वनाथ भगवान् के साथ साईं बाबा या हनुमानजी का फोटो ना रखें.

अपने गृह मंदिर में हर व्यक्ति को कम से कम एक मंत्र का जाप तो रोज अवश्य करना चाहिए.
(जाप संख्या महत्त्वपूर्ण नहीं है).

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