जैन वो हैं जिनके चेहरे से भी पुण्य झलकता है,
ये पुण्य 🌹अरिहंत की शरण🌹 लेने से मिलता है.
गर्भ से ही जैन सूत्रों और मंत्रों को सुनाया जाए
तो सर्वप्रथम miscarriages होने का डर समाप्त हो जाता है.
गर्भवती को कुलदेवी की शरण भी अवश्य लेनी चाहिए. कुल में होने वाली वृद्धि से कुलदेवी प्रसन्न होती है पड़दादी की तरह! उनका आशीर्वाद बना रहता है. 😊
शिशु के गर्भ में “आने से पहले” ही श्रावक श्राविकाओं को कुछ धर्म सूत्र अवश्य सुनने चाहिए. स्वयं पढ़ने और सुनने में बहुत अन्तर होता है. श्रावक का अधिकतर धर्म सुनने मात्र से ही होता है, सूत्र स्वयं पढ़े तो इतना पुण्य नहीं होता क्योंकि पढ़ने में अधिकतर लोग अशुद्धियां करते हैं.
विडंबना ये हो गई कि व्याख्यान में श्रावकों को धर्म सूत्र सुनने बंद होकर सास बहू के सीरिअल जैसे किस्से सुनाए जाने लगे, ऐसी बातेँ सुनकर पुण्य कहाँ से हो?
विशेष :
जितने लोगों ने आंखें बंद करके Jainmantras.com के ऑडियो सुने हैं, भले वो ऑडियो दो मिनट का ही क्यों न हो, उनके शरीर में कंपन अवश्य हुआ है यदि धर्म के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो. इससे सरल टेस्टिंग किसी धर्म सूत्र को सुनने की और क्या हो सकती है!
समय के साथ वही ऑडियो जितना और सुनेंगे उतना और अधिक प्रभाव नजर आता जाता है.
कोई भी ऑडियो दिन में एक बार सुन लेना पर्याप्त है.