किसी ने पूछा कि “तप” करने से कर्म कटते हैं. उस से “आत्मा” प्रकाशित होती है. तो फिर उसका पता कैसे चले कि आत्मा हलकी हुई है या कर्म मुक्त हुई है
जैन धर्मजैन स्तोत्र और सूत्र·1 min readभक्तामर स्तोत्र में “सूर्य” का वर्णन बार बार क्यों आया है? भाग -1