वर्षों से गौतम स्वामी के मंत्र उच्चारण में 3 अशुद्धियां होने के कारण आज भी आर्थिक तंगी देखने को मिली.
उच्चारण सही करने में भी आलस्य कर रहे थे.
भक्ति बिना परिणाम शून्य आता है, भले अच्छे से अच्छा स्तोत्र ही क्यों न पढ़ लें.
सार :
यदि मंत्र के उच्चारण में अशुद्धि है, ऐसा स्वयं को लगे तो वो मंत्र जाप करना बंद कर दें.
जैसे फैक्ट्री में जो production हो रहा है, उसमें से हर प्रोडक्ट में थोड़ा नुक्स हो, वो माल बिकेगा क्या?
नहीं न!
Quality control जीवन के हर क्षेत्र में जरूरी है, माल बेचते समय भी देखते हैं न कि पार्टी सद्धर है या नहीं!
विशेष :
मंत्र जाप का परिणाम सामने न आए, तो सावधान हो जाएं और जैसे रोग निदान न होने पर बड़े से बड़े डॉक्टर के पास कैसे भी जाने की तैयारी होती है, ठीक वैसे ही जीवन में योग्य गुरु से मार्गदर्शन बहुत जरूरी है, उसे पहले से ढूँढ लें.
कहने के लिए गुरु कोई और हों पर जीवन में मार्गदर्शन किसी और से मिले, तो जिसे गुरु बना रखा है वो कैसा है? व्यक्ति स्वयं भ्रमित है या नहीं?
अति विशेष
गौतम स्वामी जैसा विनय रखना हर एक के लिए संभव नहीं है, पर गौतम स्वामी से जुड़ना संभव है सभी के लिए!
🌹 महावीर मेरा पंथ 🌹 के गुरु यही हैं, जो गुरुओं के भी गुरु हैं.
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