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संस्कारों की सम्पदा

१. एक सेठ के चार पुत्र. अंतिम समय में उनसे प्रश्न किया: मेरे मरने के बाद तुम क्या करोगे?
(१) व्यापार बढ़ाऊंगा.
(२) हर शत्रु को परास्त करूँगा
(३) पूरे गाँव को भोजन कराऊंगा.
(४) आपके संस्कारों की सुरक्षा करूँगा और उसे बढ़ाऊंगा.

मरते समय व्यक्ति को तृप्ति किस बात से होती है, जान लें.

 

२. गोबर में रहने वाले कीड़े और भँवरे में संयोगवश मित्रता  हो गयी. भंवरे ने कहा- चलो, इस गन्दगी को छोडो और बगीचे में चलो. गोबर कीट को वहां पर कुछ भी सुगन्धि नहीं आई. भंवरे ने कहा: पहले अपनी नाक से गोबर निकाल, फिर बात कर.

निष्कर्ष: सांसारिक सुख गोबर से भी गए बीते हैं. गोबर तो फिर भी बहुत काम का है. सांसारिक सुखों के बारे में आपका क्या ख्याल है?

 

३. चुनाव आने पर नेताजी को गाँव की जनता ने कहा: आप सुधार की बातें तो छोडो, गाँव में एक “अच्छा” श्मशान घाट भी नहीं है. वादे देने में प्रखर नेताजी ने कहा: इस बार मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि एक श्मशान घाट तो क्या, घर घर में श्मशान घाट बना दूंगा.

बड़बोले (ढपोल शंख) क्या बोलते हैं, उन्हें खुद को उसका पता नहीं होता.

 

४. एक बार इंग्लैंड में चाय विरोधी आंदोलन हुआ. एक ने ऐसा जोरदार भाषण दिया कि जिस होटल में ये भाषण हुआ, उसके मालिक ने तुरंत चाय बनानी बंद कर दी. भाषण के बाद उसने “चाय” की डिमांड की. होटल वाले को आश्चर्य हुआ. उसने कहा: बिना चाय के मैं रह नहीं सकता. जल्दी चाय लाओ. मुझे अभी चार जगह और जाना है.

झूठ बोलना, शराब पीना, पर-स्त्री गमन, किसी का पैसा रोकना/पूरा दबाना, बीमारी को न्यौता देने वाले होटल के भोजन, व्यर्थ खर्च – ये नहीं होने चाहिए, इस पर सभी बोलते हैं. फॉलो कितने जन करते हैं?

 

५. ससुरजी को बहु ने सड़े हुवे अनाज की रोटी बना कर परोसी. मुंह में डालने के बाद बहु को फटकारा. बहु  ने कहा: आप भिखारियों के लिए ऐसे अनाज की रोटी  ही बनवाते हैं. आपसे ही सुना कि जो जैसा देता है, वैसा परलोक में पाता है. आपको अभी से ही ऐसे अन्न खाने का अभ्यास हो जाए, इसलिए….

अपने लिए और दूसरों को देने के लिए हमारे स्टैंडर्ड्स कौन से होते हैं?

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