सवेरे प्रतिक्रमण के समय बोली जाने वाली सज्झाय “भरहेसर बाहुबली अभयकुमारो अ ढंढण कुमारो” इस सज्झाय में १०० उत्कृष्ट आत्माओं...
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“उवसग्गहरं” स्तोत्र कुछ लोग रोज इसे 27 बार गिनते हैं. फिर भी “समस्याओं” का वो समाधान नहीं मिलता जो मिलना...
जैन धर्म का सूक्ष्म विश्लेषण: अहं और अर्हं में मात्र “र् ” का अंतर है. “र” अग्निबीज है जो...
यदि जैन सूत्रों के बारे में नहीं जाना और धर्म के नाम पर जीवन कला और जीवन कला के नाम...
भगवान पार्श्वनाथ की जितनी भी प्रतिमाजी विद्यमान है वो सामान्यतया 7,9,11 या 13 फणों में है, कुछ बहुत प्राचीन प्रतिमाजी...
1. तीर्थंकर का मतलब जो “तीर्थ” की स्थापना करते हैं. 2. “तीर्थ” का मतलब : जो तारे. 3. तरने का...
प्रश्न: “सर्व धर्म एक समान” की बड़ी बड़ी बात करने वाले “सर्व पंथ एक समान” ना बताकर अपने को दूसरे समुदाय से बड़ा...
अति सुन्दर और चमत्कारी रोज लगभग ५००० श्रद्धालु दर्शन करते है . श्री सहस्त्रफ़णा पार्श्वनाथ भगवन गोपीपुरा , सूरत ....
श्री बप्पभट्ट सूरी : गुरु द्वारा दिए गए मंत्र जप में इतने लीन हो गए कि स्वयं सरस्वती उसी...
जिसकी रचना अनंत लब्धिधारी श्री गौतम स्वामीजी ने अष्टापद महातीर्थ पर की है. जगचिन्तामणि जगनाह जगगुरु जगरक्खण जगबंधव जगसत्थवाह जगभावविअक्खण...