जो भी मनुष्य “अष्टापद तीर्थ” की यात्रा खुद के बलबूते (लब्धि) से कर लेता है वह उसी भव में मुक्त...
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भ्रम क्यों नहीं टूटता? सत्य समझ में आ जाने के बाद भी अधिकतर किस्सों में भ्रम इसलिए नहीं टूटता क्योंकि...
देव, गुरु और धर्म! देव वो हैं जिनके पास परम ज्ञान है, स्वयंबुद्ध है, जगत के नाथ हैं, करुणानिधान हैं,...
“ध्यान” में जो “अनुभव” होते हैं वो पुस्तकों से नहीं मिलते. पुस्तकों की “वहां तक” पहुँच ही नहीं होती !...
ॐ सौं ह्रीं नमो श्री शान्तिनाथाय झ्रौं झ्रौं स्वाहा ।। ये मंत्र नवस्मरण के “सन्तिकरं” स्तोत्र से उद्धृत हुआ है...
एक बूँद जीवन अनंत काल के जीवन में से इस मनुष्य जीवन के काल की बात करें तो ये महासागर...
बहुत ही महत्वपूर्ण———————– जय जिनेन्द्र ? कष्ट, संकट,दुर्भाग्य मिटे,संकट कटे,पीरा मिटे,दरिद्र मिटे…इस तरह के शब्द जिस किसी स्तवन्,भजन आदि में...
प्रश्न: पानी मन्त्रित कैसे होता है? उत्तर: ये बहुत “गूढ़ रहस्य” है,फिर भी समझाने का प्रयत्न इसलिए कर रहा हूँकी...